Wednesday, July 9, 2008

'हम मैथिल छि' अभय कुमारक एकटा अनुभव

हमरा गर्व अछि जे की हम मैथिल छि। अतेक पुरान अछि मिथिलाक संस्कृति आ सभ्यता
कतवा मीठ अछि अहि ठामक रहन-सहन बाजब-भूकब।
हम ओई मैथिल समाजक एकटा अंग थिकहूँ जाही मैथलिक अबहेलना अपन आंगन में (भारत) कियेक ने होइछ मुदा गर्व आ नाज़ अछि अपन भाखा पर जाहीक अनुकरण विदेश में देखल जाईत अछि। जकरा बारे में परीकल्पनो ने कयल जा सके अछि। इ हमरा बुझवा में तखन आयल जखन की एक टा अमरीकन महिला के मिथिलाक प्रति नेह इ प्रर्दशित क' देलक जे हम सब एहन सुनर सभ्यता, संस्कृति, भाषा, परिधान सबहिक छोड़ी पाश्चात्य सभ्यातक अनुकरण क रहल छि मुदा ओ महिलाक प्रेरणा हमरा मन के झक झोर देलक हम ओकरा लग अपना के निम्न आ तुक्ष महसूस कर लग्लौ ओकरा द्वारा विशुध भाषा के प्रयोग सुनि परन्तु बोली मैथलिक छल, हम अपना के गर्व महशुस कर' लगलू।

1 comment:

जगदानन्द झा 'मनु' said...

http://maithilputr.blogspot.in/2012/01/blog-post_7417.html